सागर दिनाॅक 31.01.2017। धर्म रक्षा संगठन, शिवसेना सागर, विचार मंच, विश्व एकता समिति, जैन सोशल गु्रप, भारतीय जैन मिलन, विश्व हिंदू परिषद्, माॅं दुर्गा मौर्य मंडल, अखिल भारतीय महिला परिषद्, जैन एकता महासंघ, भारतीय जैन संस्था, वैश्य महासम्मेलन मध्यप्रदेश, एवं सागरवासी ने मिलकर संचालित अवैध मांस दुकानों को बंद कराने हेतु कलेक्टर को ज्ञापन देने गये थे परंतु कलेक्टर ज्ञापन लेने नहीं आये जिससे जनता आक्रोशित होकर नारेबाजी करने लगी। तब पश्चात् डिप्टी कलेक्टर व टी.आई. कटरा पुलिस चैकी ने आश्वासन दिया कि 10दिवस के अंदर कार्यवाही करेंगे। उपस्थित सभी संगठनों की सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि अगर 10 दिवस के अंदर उचित कार्यवाही नहीं की गई तो 12 फरवरी से धरना प्रदर्शन व आमरण अनशन पर बैठेगे।
ज्ञापन में यह मांग की गई कि तिलकगंज माल गोदाम रोड पर निगम द्वारा स्थापित मीट मार्केट में शहर के लाइसेंस शुदा मांस विक्रेताओं को अपना व्यापार विधिवत् चलाने हेतु दुकानें आबंटित की गई थी।
खेद का विषय है कि इन लाइसेंस शुदा दुकानदारों ने अपनी दुकानें निर्धारित स्थान छोड़कर मीट मार्केट के बाहर लगानी शुरू कर दीं।
जिसकी विधिवत शिकायत अनेकोबार निगम व जिला प्रशासन को जनता द्वारा की जाने के बाद भी इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। प्रशासन की उदासीनता के चलते अन्य अवैध और अनाधिकृत व्यक्तियों ने बैखोफ अपनी दुकानें मुख्य सड़क पर लगाना शुरू कर दी। इनके विरू़द्ध एक वाद माननीय उच्च न्यायालय में दायर किया गया (ॅच्14778ध्2010 ;च्प्स्द्धज्ञंचपस डंसंपलं टध्े ैजंजम) जिसमें माननीय न्यायालय ने यह माना कि खुले में मांस का विक्रय म्यू.कार्पो.एक्ट 1956 का घोर उल्लघंन है जिससे आम जनता को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है और जिससे च्नइसपब छनपेंदबम उत्पन्न हो रहा है। माननीय न्यायालय ने अपने आदेश दिनाॅंक 14.03.2011 (6वर्ष पूर्व) यह आदेश पारित किया (प्रतिलिपि संलग्न) कि प्रतिवादियों (प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग म.प्र.य सचिव-नगरीय प्रशासन विभागय कलेक्टर सागरय कमिश्नर,- नगर पालिक निगम सागरय मुख्य अधिशासी अधिकारी छावनी मंडल सागर) द्वारा किसी भी
1. ऐसे को लाइसेंस न दिया जावें जो नियमों व शर्तो पर खरा न उतरें।
2. यदि कोई लाइसेंस की शर्तों का उल्लघंन करता है जो कि विधि द्वारा स्थापित है तो उन्हें गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावें ।
3. निगम कमिश्नर जिला कलेक्टर के सामंजस्य (प्द ब्व.वतकपदंजपवद ूपजी ) यह देखेगा कि इन नियम व शर्तों या लाइसेंस की शर्तो का उल्लघंन न हों जिसकी वजह से जनता को परेशानी हो।
4. कि निगम आयुक्त अपने अधिनस्थ स्वास्थ्य अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों को निर्देशित कर नियम व शर्तो का पालन सुनिश्चित करवायें और नागरिकों को परेशानी का सामना न करना पडें।
यह बड़े दुःख व क्षोभ का विषय है कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद निगम व जिला प्रशासन की उदासीनता की वजह से समस्त आदेशों की अवहेलना करते हुए अनेको नई मांस विक्रय दुकानों एवं रेस्टोरेन्टों की स्थापना माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना करते हुए की जा रही है। आपका ध्यान इस ओर भी आकृष्ट करना चाहते हैं कि जहाॅं एक ओर शाकाहारियों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर मांसाहारियों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ हो रहा है चूॅकि फूड सेफ्टी एक्ट में स्थापित मानदंड़ो का पालन नहीं हो रहा है। मांस विक्रय के समय मांस का रक्त व तरल पदार्थ व मांस के टुकड़े सड़क पर फेंक दिये जाते है यह टुकडे़ खाने के लिए ढेर सारे कुत्ते इकट्ठे हो जाते है जो कि अत्यधिक खूंखार हो गये है एवं सड़क से निकलने वाले राहगीरों के लिए मुसीबत बने रहते है।
यह दुकानें न केवल नालियों के ऊपर बनी हैं बल्कि सड़क के किनारे तीन फुट की जो पट्टी चलने के लिए छोड़ी गई है उस पर भी इन दुकानदारों ने अतिक्रमण कर लिया है एवं मांस खरीदने व खाने को लोग गाड़ियां सड़क पर खड़ी कर देते है जिससे रास्ता अवरूद्ध हो जाता है एवं जाम लग जाता है। लोगों को नारकीय पीड़ा का सामना करते हुए इन रास्तों से मजबूरन गुजरना पड़ता है।
यह सारी दुकानें पूर्णतः अवैध अतिक्रमण करके पानी निकासी हेतु बनायी गयी नाली को पूरकर बनायी गयी हैं। जिससे आवागमन तो अवरूद्ध होता ही है गंदा पानी भी सड़क पर से बहता रहता है।
अवैध मांस दुकानों के कारण पूरे इलाके में दुर्गंध फैली रहती है नतीजतन कई बार बच्चे व महिलायें यहाॅं से गुजरते हुए उल्टी कर देते हैं।
उक्त संदर्भ में एक बार पूर्व में माननीय उच्च न्यायालय कमिश्नर नगर पालिक निगम को हिदायत भी दे चुके हैं। कई बार जनता आपसे निगमायुक्त से व उनके पूर्ववर्तियों से शहर में संचालित अवैध मांस विक्रय की दुकानों व होटलों को एवं खुले में मांस विक्रय को बंद कराकर मांस विक्रय केवल मीट मार्केट व फिश मार्केट से सुनिश्चित करने का आग्रह कर चुकी है परन्तु अत्यंत दुःख व आश्चर्य की बात है कि आज दिनाॅक तक कार्यवाही नहीं की गई है।
कुछ ही दिन पूर्व शहर के विभिन्न संगठनों द्वारा दिनाॅंक 11.01.2017 को मुख्यमंत्री म.प्र. शासन, प्रभारी मंत्री, सागर विधायक, सागर महापौर व आपको पुनः मांग का ज्ञापन दिया गया था किन्तु आज दिनाॅंक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। जनता बहुत परेशान व आक्रोशित है।
अतः जनता को हो रही असुविधा को देखते हुये साथ ही अदालत के आदेश को पालन करते हुये आप तिलकगंज में मालगोदाम रोड़ पर बन गई सभी अवैध दुकानें तुरंत कार्यवाही कर बंद करवायें।