1981 में श्रवणबेलगोला में बाहुवली भगवान का महामस्तकाभिषेक किया। दो पंचकल्याणक में अध्यक्षता की है। कई पंचकल्याणकों में मंत्री से लेकर अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं। आचार्यां, मुनियों व आगम के सिद्धातों को जीवन में उतारने का पूर्ण प्रयास करते है। सिद्धक्षेत्र दोणागिरी के प्रबंध में 5-6 वर्ष से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। वर्तमान में क्षेत्र में कार्याध्यक्ष हैं। कई जैन संगठनों के गठन व संचालन में सक्रिय है। आचार्य श्री विद्यासागरजी व मुनिश्री 108 क्षमासागर जी के आशीर्वाद से विचार संस्था प्रांरभ हुई थी। आचार्य शरी व कई साधुओं के प्रवचनों में कई बार विचार संस्था का उल्लेख किया है। मुनिश्री प्रमाण सागर जी ने विचार संस्था के शराबबंदी अभियान की शंका समाधान में प्रशंसा की है।