विचार संस्था द्वारा संचालित सीड बाल प्रोजेक्ट की तैयारी बहुत जोरों से विचार कार्यालय में चल रही है। विचार संस्था के संस्थापक कपिल मलैया का मानना है कि पीपल के वृक्षों में हमेशा आक्शीजन प्राप्त होती है अत सभी को अपने जीवन में दो दो वृक्ष लगाने चाहिए। विचार संस्था के सीड बाल प्रोजेक्ट के मार्गदर्शक श्रेयांश जैन ने सीड बाल के बारे में बताते हुए कहा कि बीजों को जब क्ले मिटटी की परत से १/२ इंच से लेकर १ इंच तक की गोल-गोल गोलियां से सुरक्षित कर लिया जाता है उसे सीड बॉल कहते हैं। सीड बाल का उपयोग बिना जुताई ,बिना जहरीले रसायनों और बिना गोबर के कुदरती खेती करने और मरुस्थलों को हरियाली में बदलने के लिए उपयोग में लाया जाता है। आज सागर शहर की सभी सामाजिक संस्थाओं एसएफ 10वीं बटालियन के जवानों, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के सहयोगियों द्वारा बनाई गई बाल आज विचार कार्यालय में जमा की गईं। एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह से अधिक बालों का निर्माण हो चुका है। आज भी मोहल्ला विकास योजना के अंतर्गत आने वाले परिवार सीड बाल बनाने को तत्पर हैं। विचार के स्वयंसेवकों द्वारा प्रत्येक बीज की बालों को 25_25 की संख्या में एक कागज लिफाफों में पैक किया जा रहा है जो वहां पहुंचने वाले स्वयंसेवकों को काउंटर पर प्राप्त होंगे। इसी क्रम में आज विचार संस्था के संस्थापक कपिल मलैया, मार्गदर्शक श्रेयांश जैन सीताराम रसोई के प्रमुख इंजी. प्रकाश चौबे एवं उनके सहयोगियों द्वारा राजघाट का निरीक्षण किया गया साथ ही दक्षिण वन मंडल के वनरक्षकों द्वारा 40 हेक्टेयर भूमि पर मार्किंग की गई जिस पर कल 4 इंची के गड्ढे किए जाएंगे जिनमें सीड बाल का रोपण 23 जून को सुबरह 7.30 बजे से 11.30 बजे तक किया जाएगा। दिगंबर जैन सोशल ग्रुप के सागर इकाई के सभी सदस्यों ने कल वहां जाकर निरीक्षण करने की बात कही।