कोविड 19 मरीजों
और उनके परिजनों लिए बुंदेलखंड मेडिकल कालेज में ‘विचार
संस्था‘ द्वारा बनाई हेल्प-डेस्क में अभी तक 505 समस्याओं
में से 91% आंकड़ों के साथ 460 मामलों
का निदान किया गया।
कोविड 19 मरीजों और उनके परिजनों को हो रही समस्याओं के निदान के लिए
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में सागर कमिश्नर श्री जे.के.जैन की पहल पर विचार संस्था
ने हेल्प-डेस्क शुरू किया है. संस्था द्वारा इस जिम्मेदारी को निभाते हुए 31 दिन
हो गए हैं जो इस संकट काल से उबरने तक जारी रखी जाएगी। हेल्प-डेस्क के अंतर्गत
दो-दो विचार सेवक 4 घण्टे की शिफ्टों में सुबह 6 से 11 बजे तक रामकुमार बाल्मीकि और अरविंद अहिरवार, 11 से 3.30 तक
पूजा प्रजापति और पूजा लोधी, 3.30 से 8 बजे अनुराग विश्वकर्मा और तुलसीराम और आखिरी
शिफ्ट में 8 से 12 तक संजेश लोधी और सुनील रैकवार अपनी सेवाऐं देते हैं. इस दौरान
बुंदेलखंड मेडिकल कालेज में भर्ती कोविड 19 मरीजों और उनके परिजनों को हो रही समस्याओं को
हेल्प-डेस्क की ड्यूटी पर तैनात विचार सेवकों द्वारा उस दौरान ड्यूटी पर मौजूद
डॉक्टरों और स्टॉप को बताकर निदान किया जाता है. अभी तक के रिकॉर्ड में
हेल्प-डेस्क पर ऐसें 505 आ चुके मामलों में 91% निदान के साथ 460 मरीज और उनके परिजनों से सबंधित सभी समस्याओं का
निदान किया गया है। हेल्प-डेस्क में सेवाएं दे रहे विचार सेवकों ने उस दौरान के
अनुभवों की जानकारी देते हुए बताया कि कोविड पॉजिटिव होने पर सॉरी वार्ड में एडमिट
हुए मरीज की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें एच.डी.यू. या आई.सी.यू. में शिफ्ट
कर दिया जाता हैं. उस दौरान मरीज के परिजन परेशान रहते हैं. जिसके कारणों में
संपर्क सूत्र न हो पाना परेशानी का सबब बन जाता है. इस स्थिति में हेल्प डेस्क के
विचार सेवक मरीज की पूरी जानकारी लेते हैं, डॉक्टरों से सम्पर्क करते हैं. साथ ही दूरभाष और
वीडियो कॉल के जरिए परिजन और मरीज की बात करा देते हैं. इसके लिए विचार
हेल्प-डेस्क में रखे कम्प्यूटर के माध्यम से स्काई एप पर कॉलिंग के साथ बीएमसी
प्रबंधन द्वारा सॉरी, एच.डी.यू. और आई.सी.यू वार्डों में उपलब्ध मोबाइल के माध्यम से
बात और वीडियो कॉलिंग कराई जाती है. इसके साथ ही बीएमसी प्रबंधन से मिली लिस्टों
के आधार पर एडमिट मरीजों से समय पर इलाज और दवाईयों के बारे में जानकारी ली जाती
रहती है. हेल्प डेस्क के द्वारा परिजनों को भिजवाए समान को उनके हाथों तक पहुंचने
की पूंछ-परख के साथ किसी भी प्रकार की मदद और समस्याओं के निदान का आश्वासन दिया
जाता है। विचार संस्था द्वारा मरीजों को फल-फूल उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बीएमसी
द्वारा दिये जा रहे सही भोजन के साथ फल फूल, और अन्य सामग्री समय पर पहुंचने की सभी जनाकारी
ली जाती है. साथ ही ऐसीं सभी सामग्री को विचार सेवकों द्वारा चैक किया जाता है.
इसी क्रम में सॉरी वार्ड में भर्ती हुए मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आने पर छुट्टी के
दौरान हो रही परेशानियों को डॉक्टरों से बात करवाकर दूर किया जाता है। किसी भी
कार्य को करने से पहले उसमें आनी वाली चुनौतियां का सामना करने की दृढ़ता ही सफलता
के नए आयाम लिखती है. इस संक्रमण के भय के आलम में जहां लोगों ने ऐसी जगहों से एक
निश्चित दूरी बना ली है वहां विचार संस्था की हेल्प-डेस्क इन्ही मरीजों और उनके
परिजनों के बीच रहकर निडरता के साथ मदद करने का कार्य कर रही है।