सागर…विचार समिति…5.6.21
विचार समिति ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में लगाया दुर्लभ गरूण वृक्ष
सागर। विचार समिति द्वारा बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज मेंदुर्लभ गरूण वृक्ष को लगाया गया। इस गरूण वृक्ष को छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले से बुलवाया गया है।
विचार समिति के संस्थापक अध्यक्ष कपिल मलैया ने बताया कि प्राचीन मान्यता है कि जहां गरूण वृक्ष लगा हो उसके आसपास सर्प नहीं आते। बीएमसी में इस वृक्ष को लगाने का उद्देश्य इन्हीं जहरीले जीव जंतु से बचाना है। वैज्ञानिकों ने भी इस तथ्य को सत्य पाया है।
आगे उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हमें कई उपहार दिए हैं। उनमें से एक गरुड़ वृक्ष भी हैं। इस वृक्ष की फलियां बिलकुल सांप की आकार की दिखाई देती हैं। शायद इसी कारण इसका नाम गरुड़ पड़ा होगा। ग्रामीण अंचल में आज भी दरवाजे के ऊपर गरुड़ की फलियों को बांध देते है ताकि किसी भी प्रकार के सांप घर में प्रवेश न कर सकें। गरुड़ के इस फल में विशेष प्रकार कि सुगंध होती है जिससे सांप दूर भागते है।
विचार समिति की सचिव आंकाक्षा मलैया ने बताया कि गरुड़ का पेड़ मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, हिमाचल, केरल, तमिलनाडु इत्यादि राज्यों में पहाड़ी इलाकों के घने जंगलों में कहीं-कहीं पाया जाता है। इसका तना कठोर लकड़ी वाला होता है व डण्डी पर 3 पत्तियां लगी होती हैं जैसे कि बेल पत्र लगे होते है। इसकी फली में लगे हुए फल की लंबाई एक मीटर या उससे कुछ अधिक लम्बी होती है। फली को चीरने पर इसमें गांठेदार सफेद हड्डी जैसा गूदा होता है। बीजों के ऊपर एक हल्की पारदर्शक पर्त चढ़ी होती है जो कि सर्प की केचुली के समान होती है। फली का रंग हल्का चाकलेटी होता है।
इस मौके पर डॉ. उमेश पटैल, कवि अखिल जैन, विचार समिति के मार्गदर्शक राजेश सिंघई, मीडिया प्रभारी अखिलेश समैया आदि मौजूद थे।